Wednesday 3 July 2019

Time Travel in hindi | What Is Theory of Relativity


 Time Travel in hindi :   थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी,  समय यात्रा कैसे संभव है?


Time travel


समय यात्रा (Time Travel) एक विवादास्पद घटना है। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने पहली बार Time Travel करने का विचार दिया। गैलीलियो का विचार- ६० सेकेंड में १ मिनट और ६० मिनट में १ घण्टा अहि सही हैं । लेकिन आइंस्टीन के  आविष्कार  थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी सब थ्योरी पलटकर रख दिया।

Theory of Relativity क्या है?


  इस सिद्धांत में कहा गया है कि समय के अंतराल हैं। अल्बर्ट आइंस्टीन ने साबित कर दिया है कि दुनिया में सभी स्थानों पर समय के अंतर हैं। इस सिद्धांत की खोज से पहले, लोगों ने सोचा था कि पृथ्वी का १ सेकेंड मंगल के १ सेकेंड के बराबर है। लेकिन सच्चाई यह है कि अंतरिक्ष और समय एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। इसे स्पेस टाइम कहा जाता है। समय का चौथा आयाम (Four-dimensional) है। पृथ्वी पर समय को ५९ मिनट या ६१ मिनट में १ घण्टा करना संभव हैं। जिस वस्तू का अतिरिक्त भार हैं उस जगह समय धीरे चलता हैं। जैसे कि पिरामिड। यहाँ आसपास के क्षेत्रों में समय धीरे- धीरे चलता है। यह अनुमान लगाया जा सकता है कि १०० वर्षों में समय १ सेकेंड धीमी गति से चलता है। यह साबित करता है कि अतीत में जाना सम्भव है।

यहाँ स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking)  नाम के एक और  वैज्ञानिक ने साबित किया कि समय यात्रा १००% संभव है।


  समय यात्रा कैसे संभव है?

  स्टीफन हॉकिंग  (Stephen Hawking)  ने दुनिया भर में फैली एक रेलवे लाइन का अनुमान करने के लिए कहा हैं। वह ट्रेन को प्रकाश की गति से चलना होगा। अगर ट्रेन दुनिया भर में उस  गति से चलती है तो दुनिया की सभी वस्तुएँ के तुलना में ट्रेन के अन्दर समय धीरे चलेगा।

मान लीजिए १ जनवरी, २०१९ को एक ट्रेन शुरू हुई। यदि ट्रेन प्रकाश की गति को पकड़ने में सक्षम है, तो ट्रेन के अंदर एक अद्भुत चीज होगी। ट्रेन के अंदर की गति धीमी होगी। जब ट्रेन के अंदर १ सप्ताह से अधिक का समय होता है, तो पृथ्वी ६५ साल पार कर जाएगी।

एक और उदाहरण की मदद से समझते हैं-

जब अंतरिक्ष यान अपनी यात्रा पूरी कर लेता है और ३ साल बाद पृथ्वी पर लौटता है, तो ९०० साल पृथ्वी पर बीत जायेगा। कारण यह है की जब अंतरिक्ष यान प्रकाश की गति से आगे बढ़ रहा होगा,तब अंतरिक्ष यान के अंदर का समय धीमा चलेगा।



हालांकि इस स्पष्टीकरण प्रक्रियात्मक दिक् से संभव नहीं है, यह सिर्फ सैद्धांतिक पर संभव है।  यदि यह व्याख्या सही है, तो भी प्रकाश की गति से ट्रेन चलाना संभव नहीं है। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है की हम भविष्य में समय यात्रा नहीं कर सकेंगे।
लेकिन भविष्य में इस गति से ट्रेन चलाना संभव हो सकता है और हम समय यात्रा कर पाएंगे।